आमतौर पर पेड़-पौधे को केवल प्रकृति का हिस्सा माना जाता है, लेकिन भारतीय परंपरा में इन्हें केवन प्रकृति की शोभा नहीं बल्कि दिव्य और आध्यात्मिक ऊर्जा का स्रोत समझा गया है। कई धर्मग्रंथों में ऐसे पौधों के बारे में बताया गया है, जिनकी श्रद्धा पूर्वक पूजा करने से ग्रह दोष शांत होते हैं और जीवन की विपत्तियां भी कम हो जाती हैं। माना जाता है कि इन पवित्र वृक्षों की उपासना भाग्य को अनुकूल बनाती है। हिंदू परंपरा में पेड़-पौधों को बड़ा महत्व दिया जाता है। यह हमारे स्वास्थ के साथ-साथ हमारे भाग्यवृद्धि में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।
तुलसी
तुलसी को माता लक्ष्मी का साकार रूप माना गया है। गरुड़ पुराण में बताया गया है कि जिस घर में प्रतिदिन तुलसी की पूजा होती है, वहां दरिद्रता प्रवेश नहीं कर पाती। शास्त्रों का कहना है कि तुलसी सकारात्मक ऊर्जा बढ़ाती है और उसकी परिक्रमा से आर्थिक अड़चनें दूर होती हैं।
पीपल
पीपल के वृक्ष में ब्रह्मा, विष्णु और महेश का निवास माना जाता है। भगवद्गीता के दसवें अध्याय में भगवान कृष्ण स्वयं कहते हैं कि “वृक्षों में मैं पीपल हूं।” पीपल की पूजा से पितृदोष और शनि संबंधी कष्ट कम होते हैं तथा दुख, बीमारी और मानसिक अशांति दूर होती है।
बेल
बेल का वृक्ष भगवान शिव को अत्यंत प्रिय है। स्कंद पुराण में बताया गया है कि शिवलिंग पर बेलपत्र चढ़ाने से सभी पाप नष्ट होते हैं और आर्थिक संकट दूर होता है। इसकी तीन पत्तियां त्रिदेव के प्रतीक मानी जाती हैं।
आंवला
हिंदू परंपरा में आंवले के वृक्ष की पूजा का विशेष महत्व बताया गया है। पद्म पुराण में इसका पूजन हजार गौदान के समान पुण्यदायक माना गया है। आंवले के पेड़ के नीचे दीपक जलाना सौभाग्य बढ़ाने वाला माना जाता है।
केला
केले के वृक्ष में भगवान विष्णु का वास माना जाता है और इसे गुरु का प्रतीक भी कहा गया है। विवाह, यज्ञ और शुभ अवसरों पर केले के पत्ते-तने का प्रयोग शुभ माना जाता है। कहा जाता है कि जिस घर में केले के पौधे की पूजा और देखभाल होती है, वहां कलह, गरीबी और आर्थिक परेशानियां दूर रहती हैं।